मिटटी , पत्थर और पेड़ों से जाने भूमि में जल का स्थान | mitti , pathar aur pedon se jaane jal ka sthan
नमस्कार मित्रो आज में आपको
भूमि में जल प्राप्ति के स्थान के विषय में बताने जा रहा हूँ ! कृषि योग्य भूमि के
कुआँ , बोरिंग , पानी का हौज आदि के लिए वास्तु शास्त्रों या वास्तु विज्ञान में
जल प्राप्ति का निर्णय प्रकृति में उपस्थित मिटटी , पेड़ ,झाड़ियाँ, पत्थर , सांप की
बांबिया आदि के आधार से बताया जाता है ! इसके लिए वास्तु विज्ञ से परामर्श कर
निर्णय सही रहता है ! हम आपको कुछ महत्वपूर्ण विन्दुओं के माध्यम से समझाते है की कहाँ
कहाँ जल प्राप्ति संभव है !
1) जिस स्थान पर घी,शहद,कबूतर के सदृश रंग का पत्थर दिखाई दे वहां जल की शीघ्र प्राप्ति होती है !
2) यदि भूमि पर लाल या काले रंग की मिटटी हो , तो वहां मीठे जल की प्राप्ति की सम्भावना रहती है !
3) यदि भूमि पर पीले, गधे एवं ऊँट के रंग के समान वर्ण वाला एवं ताम्बे के जैसे पत्थर हो तो वहां जल की प्राप्ति होती है
4) जल शून्य स्थान में यदि कहीं बेंत की झाड़ियाँ हो तो उसकी पशिचम दिशा में तीन हाथ पर जल की प्राप्ति की सम्भावना होती है !
5) अगर जामुन का वृक्ष हो, तो उसकी उत्तर दिशा में तीन हाथ की दूरी पर मीठा जल होने की सम्भावना होती है !
6) अगर भूमि पर बालू तथा नीली मिटटी हो उस भूमि के नीचे मीठा जल प्राप्त होता है !
7) यदि भूमि पर भाप निकले या धुआं जैसा निकले वहां जमीन के नीचे प्रचुर मात्रा में जल की प्राप्ति होती है !
8) जिस भूमि पर बिना घर बनाये कीड़े मकोड़े निवास करें वहां जल होता है !
9) जिस स्थान पर बीज न उगे और अपने आप फसल सूख जाए वहां नीचे जल होने की सम्भावना होती है !
10) यदि मिटटी बालू वाली, चिकनी और शब्द गुंजायमान करें वहां नीचे जल होता है !
11) ऐसी भूमि जहाँ चिकना अन्न पैदा हो, पौधे पीले पढ़ जाए घास या अन्न सूख जाए वहां जल की सम्भावना होती है !
12) यदि वृक्षों के पत्ते, लता आदि चिकने और छिद्र रहित हो,जहाँ गुलाब, गोखरू आदि औषधियां होती हो एवं नागकेसर , जामुन, अर्जुन, आदि के वृक्ष हो वहां जल की सम्भावना होती है !
13) जहाँ की भूमि मूंगे के रंग वाली, मेघ के सदृश्य काली, कपिल वर्ण का पत्थर एवं जो पत्थर चूर्ण करने पर सुरमा के जैसा हो जाए वहां अथाह जल की प्राप्ति होती है
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