जानिए मार्च में जन्मे जातक का भविष्य | कैसे होते है मार्च में जन्मे जातक ? March Prediction | Facts About March-born Babies

                 

मार्च में जन्मे जातक का भविष्य

व्यक्तित्व  :- मार्च महीने में पैदा होने वाले जातको पर प्रमुख रूप से देवगुरु वृहस्पति की मीन राशि का प्रभुत्व होता है ! कुछ सीमा तक गुरु के अलावा नेपत्च्यून  गृह का प्रभाव इस माह पैदा होने वाले जातकों में पाया जाता है ! इस महीने पैदा  हुए जातकों पर शुक्र की महादशा शुभ फलदाई नही होती ! साथ ही मंगल सर्वाधिक फलदाई होता है ! मंगल की महादशा मार्च में पैदा होने वाले जातकों के लिए जीवन का स्वर्णिम काल होता है ! यदि मार्च में पैदा होने वाले जातकों के लग्न में गुरु होता है , तो ये पीत वर्ण , बड़ी बड़ी आँखे , उन्नत ललाट , सुन्दर केश व दन्त छोटे छोटे व प्रथम मिलन में ही आकर्षित कर लेने वाला व्यक्तित्व होता है ! स्वभाव से बड़े सरल व सहज होते है  

मेधावी और श्रदालू स्वाभाव 

मार्च माह में जन्मे जातक असाधारण रूप से मेधावी व श्रद्धालु भाव के होते है , लेकिन एक सबसे बड़ी कमी यह होती है की अपने लक्ष्य के प्रति लापरवाह होते है ! अस्वाभाविक रूप से किसी मददगार या शत प्रतिशत अनुकूल हालत का इंतज़ार करने के आदि होते है ! मीन राशि वाले जातकों की कुंडली में मंगल व चन्द्रमा शुभ होते है ! इसे जातक देवगुरु की प्रकृति के अनुसार शिक्षा , शास्त्रार्थ , धार्मिक कार्यों में रूचि , वाद विवाद में प्रवीण होते है ! कर्म की बजाय भाग्य पर ज्यादा विश्वास करते है !



कला प्रेमी और चिताकर्ष 

मार्च माह में पैदा होने वाले जातक आर्थिक मामलों में लचीले व स्वाभाव से सहिष्णु होते है ! इनके साथ बुराई करने वालों के साथ भी भलाई पूर्ण व्यवहार करते है ! ऐसे जातकों का पारिवारिक जीवन सुखमय होता है ! लेखन , नाटक , संगीत , कला आदि के क्षेत्र में रूचि रखते है लेकिन समय समय पर अपने शौक में परिवर्तन करते रहते है ! धनागमन निरंतर होता रहता है लेकिन इनके पास टिकता नही ! धीरे या देर से ही सही ये अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते है ! मार्च में पैदा होने वाले लोग उच्च तकनीकी शिक्षा , चिकित्सा , वित्त व बैंकिंग क्षेत्र में विशेष रूप से कामयाब होते है ! हालाँकि कलात्मकता भरपूर होती है लेकिन इसे वे अपना पेशा बनाना पसंद नहीं करते ! जिस भी क्षेत्र में जायेंगे उसमे प्रवीणता हांसिल कर लेंगे ! ऐसे जातकों की लोग अक्सर पीठ पीछे बुराइयाँ करते है , जिसका इन्हें प्रत्यक्ष - अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान भी होता है ! ऐसे जातक किसी न किसी प्रकार की लत के शिकार रहते है ! जिसके कारण इन्हें किसी ख़ास समारोह व बैठकों में विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है ! इन्हें आत्म ग्लानी भी होती है और उस लत से छुटकारा पाने का संकल्प भी करते है , लेकिन लत है की दूर होने का नाम नहीं लेती ! लत के अलावा इन्हें धर्म के प्रति अंधश्रद्धा भी कई बार परेशानियों का कारण होती है ! 

उपाय

इनके स्वामी बृहस्पति होते है लिहाजा यदि कुंडली में इनकी स्थति अच्छी हो तो कुंडली के कई प्रकार के दोष स्वयं ही समाप्त हो जाते है ! कुंडली में अच्छी स्थति में न होने पर जातक द्वारा अमर्यादित व्यवहार के कारन गुरु कुपित होकर कई प्रकार की परेशानियों के करक हो जाते है ! यदि गुरु अनुकूल परिणाम नहीं दे रहा है तो जातक को भगवन विष्णु की आराधना , धार्मिक पुस्तकों का दान , गरीब छात्रों के लिये छात्र वृत्ति की व्यवस्था करनी चाहिए ! 

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